आज के समय मे एक अनुकूल और मनचाहा जीवनसाथी मिलना बहुत मुश्किल है। विवाह के बाद भी विवाहित जोड़ों को अनेक बातों के साथ तालमेल बैठाना पड़ता हैं और अनेक चुनोतियो से झूझना पड़ता हैं। इसी कारण आज के जोड़ों में अलगाव और तलाक लेने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही हैं। डॉ. श्री चंद्रशेखर “गुरुजी” इन विवाह और रिश्तों की परेशानियों और नाख़ुशता कि समस्याओं को समझते हुए उन्हें दूर करने को प्रयासरत हैं।
“गुरुजी” ने सरल वास्तु सिद्धान्तों के द्वारा ये बताया है कि विवाह में समस्याएं होने का कारण हो सकता है उनके आस पास के माहौल में कॉस्मिक ऊर्जा का असंतुलित होना। इसी असंतुलित ऊर्जा के कारण वैवाहिक रिश्तों में परेशानियां आती हैं।
गुरूजी के सरल वास्तु के निम्नलिखित सिद्धान्त:
- दिशाओं के साथ कॉस्मिक ऊर्जा से जुड़ें
- संरचना के साथ कॉस्मिक ऊर्जा का भी संतुलन करें
- चक्रों के संतुलन के साथ कॉस्मिक ऊर्जा को चैनलाइज़ करें
गुरुजी का सरल वस्तु सिद्धांत लोगो के ह्रदय चक्र (अनथ चक्र) को बढ़ाकर यानी उनके मन में खुशी का भाव लाकर सही जीवनसाथी खोजने में मदद करता है। इन नियमों के पालन व सही विवाह के लिए वास्तु उपायों से जोड़ों के बीच मधुर संबंध बनने के साथ सफल रिश्ते बनते हैं।
गुरजी के अनुसार विवाह और वैवाहिक रिश्तों के सही और सफल होने कि मजबूत नींव प्रत्येक व्यक्ति की जन्म-तिथि पर ही आधारित होती हैं।
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संबंधो में सामंजस्यता
1,66,400
अलगाव व तलाक में कमी
89,600
लोगों को मिले जीवनसाथी
64,000
आपकी शादी और रिश्तों पर सरल वास्तु के लाभ:

सही जीवन साथी मिलने में सहायक

सुखी वैवाहिक जीवन को बढ़ाता है

रिश्तो में सामंजस्यता/ समझ लाता है

दूसरी शादी या पुनर्विवाह की संभावना बढ़ाता है